top of page


उम्र और एक दिन
अलावा फुटकर झपकियों के, ओमप्रकाश त्रिवेदी कल पूरी रात ना सो सके। चिंता और बुढ़ापा उन्हें हर कुछ मिनट में झकझोर देते। उनका इरादा पूरी रात...
adamyagaur52
Mar 515 min read
7 views
0 comments


अपने अपने दरवाज़े - कहानी अंश
दिन एक एक करके आते हैं। कब चले जाते हैं, पता नहीं चलता। हफ़्ता जाता हुआ दीखता है। हम चाहते हैं कि हफ़्ता जाए, एक नहीं चार, बिना किसी...
adamyagaur52
Dec 6, 20246 min read
2 views
0 comments


रोड एन्ड - कहानी अंश
‘पापी पेट ना होय तो किसी से भेंट ना होय । ’ ‘ज़िन्दगी में सब कुछ मिल सकता है, पर दो ऐसे पल नहीं मिल सकते जिसमें सब कुछ तुक से हो रहा...
adamyagaur52
Dec 6, 20246 min read
10 views
0 comments


घट के भी मरा नहीं हूँ - कहानी अंश
आ गए सब? बहुत बढ़िया! तो दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, ये दुनिया बहुत बड़ी है और इस दुनिया में बहुत कुछ है। पर एक बात हम अक्सर भूल जाते हैं...
adamyagaur52
Dec 6, 20248 min read
12 views
0 comments
bottom of page