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adamyagaur52
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Join date: Jul 2, 2024
Posts (4)

Mar 5, 2025 ∙ 15 min
उम्र और एक दिन
अलावा फुटकर झपकियों के, ओमप्रकाश त्रिवेदी कल पूरी रात ना सो सके। चिंता और बुढ़ापा उन्हें हर कुछ मिनट में झकझोर देते। उनका इरादा पूरी रात...
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Dec 6, 2024 ∙ 6 min
अपने अपने दरवाज़े - कहानी अंश
दिन एक एक करके आते हैं। कब चले जाते हैं, पता नहीं चलता। हफ़्ता जाता हुआ दीखता है। हम चाहते हैं कि हफ़्ता जाए, एक नहीं चार, बिना किसी...
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Dec 6, 2024 ∙ 6 min
रोड एन्ड - कहानी अंश
‘पापी पेट ना होय तो किसी से भेंट ना होय । ’ ‘ज़िन्दगी में सब कुछ मिल सकता है, पर दो ऐसे पल नहीं मिल सकते जिसमें सब कुछ तुक से हो रहा...
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